फोरप्ले -
हम साफ-सफाई, खुश्बू आदि का तो ध्यान रख लेते हैं पर फोरप्ले को गंभीरता से नहीं लेते। कभी हम इसमें ज्यादा वक्त ले लेते हैं, कभी कम, जिससे तालमेल बिगड़ जाता है और कहीं आप जल्दी तो कहीं आपका पार्टनर जल्दी संतुष्ट हो जाता है। अच्छे फोरप्ले के लिए आप पार्टनर को मसाज भी दे सकते हैं।
पोजिशन -
आपकी सेक्स पोजिशन क्या है, इससे भी सेक्स आनंद में खासा फर्क पड़ता है। यदि आप सिर्फ अपना आराम देखते हुए पोजिशन चुनते हैं तो साथी ठीक से सपॉर्ट नहीं कर पाता और सारा आनंद मिट्टी में मिल जाता है।
स्नेह-
यदि आप सिर्फ एक जरूरत के तौर पर सेक्स कर रहे हैं तो यह साफ दिख जाता है और महसूस हो जाता है। बेहतर है कि जब आप सेक्स के मूड में हों तो आपके अंग-अंग में जोश, स्फूर्ति और स्नेह भरा हो, जिससे साथी को उसके स्पेशल होने का अहसास हो।
शरीर को जोड़े रखें -
कई बार आप मानसिक रूप से तो सेक्स के दौरान जुड़े रहते हैं पर शारीरिक जुड़ाव से ध्यान हटा लेते हैं, जिससे आनंद की अनुभूति कम होने लगती है और आप बेहतर सेक्स की खोज करते रह जाते हैं।
धैर्य न छोड़ें -
चरम तक पहुंचने-पहुंचाने के लिए जरूरी है कि धैर्य न छोड़ें। सेक्स और धैर्य का आपस में संबंध होता है, यदि आप इस तारतम्य को तोड़ते हैं तो कहीं न कहीं अफसोस होता है, भले ही आप उसे बयां करें न करें।
हम साफ-सफाई, खुश्बू आदि का तो ध्यान रख लेते हैं पर फोरप्ले को गंभीरता से नहीं लेते। कभी हम इसमें ज्यादा वक्त ले लेते हैं, कभी कम, जिससे तालमेल बिगड़ जाता है और कहीं आप जल्दी तो कहीं आपका पार्टनर जल्दी संतुष्ट हो जाता है। अच्छे फोरप्ले के लिए आप पार्टनर को मसाज भी दे सकते हैं।
पोजिशन -
आपकी सेक्स पोजिशन क्या है, इससे भी सेक्स आनंद में खासा फर्क पड़ता है। यदि आप सिर्फ अपना आराम देखते हुए पोजिशन चुनते हैं तो साथी ठीक से सपॉर्ट नहीं कर पाता और सारा आनंद मिट्टी में मिल जाता है।
स्नेह-
यदि आप सिर्फ एक जरूरत के तौर पर सेक्स कर रहे हैं तो यह साफ दिख जाता है और महसूस हो जाता है। बेहतर है कि जब आप सेक्स के मूड में हों तो आपके अंग-अंग में जोश, स्फूर्ति और स्नेह भरा हो, जिससे साथी को उसके स्पेशल होने का अहसास हो।
शरीर को जोड़े रखें -
कई बार आप मानसिक रूप से तो सेक्स के दौरान जुड़े रहते हैं पर शारीरिक जुड़ाव से ध्यान हटा लेते हैं, जिससे आनंद की अनुभूति कम होने लगती है और आप बेहतर सेक्स की खोज करते रह जाते हैं।
धैर्य न छोड़ें -
चरम तक पहुंचने-पहुंचाने के लिए जरूरी है कि धैर्य न छोड़ें। सेक्स और धैर्य का आपस में संबंध होता है, यदि आप इस तारतम्य को तोड़ते हैं तो कहीं न कहीं अफसोस होता है, भले ही आप उसे बयां करें न करें।
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